लड़का हू कमाना है छोड़ चला घर का प्यार, निकल पड़ा नंगे पाँवन कोई ठौर न ठिकाना...
Month: June 2021
कमाने लगा- हिंदी कविता / Hindi Poem अच्छा हुआ कमाने लगा,रिश्तेदार, दोस्त का खबर भी आने लगा।रुख हवा...
भारतीय रेल- हिंदी कविता हरी झंडी देख दौड़ लगाती,लाल देख रुक जाती हूछुक – छुक करते आती हू,मंजिल...